
(फाइल फोटो)
काशीपुर ( विकास गुप्ता)। काशीपुर विधानसभा सीट पर भले ही यहां की जनता नें पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा पर भरोसा जताते हुए उनके पुत्र भाजपा प्रत्याशी त्रिलोक सिंह चीमा को भारी मत से जिताकर विधानसभा में भेज कर उनके चेहरे पर खुशी ला दी है पर उनकी यह खुशी अभी भी अधूरी नजर आ रही है। चुनाव बाद से लगातार पार्टी के कुछ नेताओं पर गद्दारी करने का आरोप लगा रहे चीमा उन पर कार्यवाही की मांग को लेकर अड़े हुए है। आखिर कौन है यह नेता जिन्हें चीमा बार बार गद्दार कहकर संबोधित तो करते है पर उनका नाम भी खुलकर नही ले पाते। इससे पहले कि हम इन नामों का खुलासा करें आपको अतीत में लिए चलते है। अब से कुछ माह पूर्व पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा के सबसे करीबी नेताओं में मेयर ऊषा चौधरी व पीसीबी अध्यक्ष राम मेहरोत्रा का नाम सबसे ऊपर था चुनाव पूर्व नेताद्वय को लगता था कि यदि विधानसभा चुनाव में चीमा का टिकट कटा तो चीमा अपने करीबी इन्ही दोनों में से किसी एक के नाम की पैरवी कर उसे अपना उत्तराधिकारी बना देंगे। इसी आस में नेताद्वय चुनाव को लेकर तैयारी में जुटे ही थे कि अचानक हरभजन चीमा ने एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए अपने पुत्र त्रिलोक चीमा की एंट्री करा दी। चीमा द्वारा अचानक उठाये गए इस कदम नें दोनों नेताओं के सपनों पर कुठाराघात कर डाला, इतना ही नही जब चीमा अपने राजनीतिक सम्बन्धों के चलते अपने पुत्र त्रिलोक के लिये टिकट ले आये तो राम और ऊषा इस निर्णय से विरोध पर उतर आए और खुलकर त्रिलोक को टिकट दिए जाने का विरोध करने लगे। राम और ऊषा के विरोध के बाबजूद चीमा असहज नही हुए और चुनाव में जुटे रहे। इस दौरान राम और उषा अपने निजी कारणों के चलते चुनाव से दूरी बनाए रहे। आखिरकार चुनाव परिणाम त्रिलोक चीमा के पक्ष में चला गया और काशीपुर की जनता नें उन्हें भारी भरकम मतो से जिता दिया। दोनों नेताओं के विरोध के बाबजूद इतनी बड़ी जीत के बाद चीमा की खुशी का ठिकाना नही रहा। जीत मिलने के बाद से ही चीमा ने पार्टी नेतृत्व से विरोध करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्यवाही की मांग शुरू कर दी जो अब तक जारी है।
आखिर क्यों बार बार चीमा कर रहे कार्यवाही की माँग
————————————————————
विधानसभा चुनाव में मिली भाजपा को भारी भरकम जीत के बाद अब पार्टी नेताओं को अगले वर्ष होने वाले निकाय चुनाव में भी जीत का पक्का भरोसा है। काशीपुर मेयर सीट की अगर बात करें तो वर्तमान मेयर ऊषा चौधरी के साथ ही राम मेहरोत्रा आगामी चुनाव में टिकट पाने को लेकर अभी से जुट गए है। उनकी इसी राह में पूर्व विधायक चीमा रोड़ा अटकाना चाहते है। चीमा के दिल मे एक टीस बार बार उन्हें साल रही है कि उनके पुत्र के टिकट का विरोध करने वाले नेताओं को पार्टी में खास तबज्जो क्यों मिल रही है, क्यों सभी मंचो पर उन्हें सम्मान मिल रहा है। हाल ही में चम्पावत चुनाव के बाद कैलाश गहतोड़ी वन विकास निगम का अध्यक्ष बनकर क्षेत्र के एक बड़े भाजपा नेता के रूप में उभर कर सामने आए है। काशीपुर की राजनीति में कैलाश भाजपा के नेतृत्वकर्ता के रूप में बनकर उभर रहे है, कमोवेश राम व ऊषा उनके करीबियों में शुमार है जिसके चलते अधिकतर कार्यक्रमो में दोनों नेता कैलाश गहतोड़ी के साथ नजर आने लगे है। गहतोड़ी सीएम धामी के बेहद करीबी है यह बात चीमा भलीभांति जानते है कि यदि इन दोनों नेताओं में से किसी एक की पैरवी गहतोड़ी नें की तो वह टिकट नही कटवा पाएंगे इसी भविष्य की राजनीति की सोच को लेकर चीमा बार बार कार्यवाही की मांग कर रहे है। अब सवाल यह है कि क्या चीमा की यह मांग पार्टी नेतृत्व स्वीकार करेगा ।