
काशीपुर (विकास गुप्ता)। निकाय चुनाव को लेकर भले ही अभी समय बचा हो लेकिन काशीपुर में इस चुनाव को लेकर रणभेरी बज चुकी है। मेयर बनने का ख्वाब देख रहे कई नेता अपनी अपनी पार्टी से टिकट पाने को लेकर अभी से अपने राजनीतिक आकाओं की शरण मे पहुँचने लगे है। इन सबके बीच काशीपुर भाजपा के वरिष्ठ नेता व पीसीयू चेयरमैन राम मेहरोत्रा ने 2023 का चुनाव लड़ने की बात कहकर काशीपुर की राजनीति को नया रंग दे दिया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी में उन्होंने दावेदारी कर दी है और उन्हें निश्चित ही पार्टी टिकट भी देने जा रही है । राम मेहरोत्रा ने इतना ही नही कहा बल्कि यह भी कहा कि वह 2023 का निकाय चुनाव लड़ने जा रहे है। राम मेहरोत्रा पार्टी के पुराने व मंझे हुए नेता माने जाते है। ऐसे में राम मेहरोत्रा के इन शब्दों से साफ जाहिर हो गया है कि वह अपनी ही पार्टी से दो बार से लगातार मेयर बन रही ऊषा चौधरी को चुनौती देने जा रहे है। उनके इस बयान से काशीपुर की राजनीति खासतौर पर भाजपा की अंदरूनी राजनीति गरमा गई है। जहां राजनीति से जुड़े लोग इसे राम मेहरोत्रा की जल्दबाजी बता रहे है उनका कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में जबकि न तो आरक्षण की स्थिति स्पष्ट है और न ही पार्टी ने अभी दावेदारों को दावेदारी करने को कहा है ऐसे में इस तरह के बयान कही न कही पार्टी में आपसी अंतर्कलह बड़ा सकते है। उधर सवाल यह है कि क्या आगामी दिनों में यदि काशीपुर सीट के आरक्षण की स्थिति सामान्य हो जाती है तो एक बार फिर 2008 की तस्वीर बन पाएगी। यहां आपको पुराने परिदृश्य की ओर ले जाना उचित जान पड़ता है। वर्ष 2003 में उषा के नगरपालिका अध्यक्षा बनने के बाद जब 2008 में नगरपालिका सीट सामान्य हुई तो राम मेहरोत्रा ने उषा का टिकट कटवाकर खुद पार्टी टिकट से चुनाव लड़ा। ऊषा की बगावत से चुनाव त्रिकोणीय बना और शमसुद्दीन नें इसका फायदा उठाकर जीत हासिल की। ऐसे में अब 2023 के निकाय चुनाव से पूर्व ही राम के बयान ने भले ही राजनीति गरमा दी हो लेकिन क्या वह ऊषा का टिकट काट पाएंगे यह फिलहाल सम्भव नही दिखता। ऐसा न हो कि राम के मेयर बनने के अरमान कही टिकट न मिलने पर धराशायी हो जाएं। फिलहाल राम की चुनोती के बाद ऊषा और राम के बीच राजनीतिक दूरियां बढ़ सकती है। देखिये क्या बोले राम मेहरोत्रा