
काशीपुर (काशीभूमि ब्यूरो)। वर्ष 2023 की शुरुआत के साथ ही इस वर्ष होने वाले निकाय चुनाव को लेकर स्थानीय कांग्रेस व भाजपा नेताओं ने अपनी राजनीतिक बिसात बिछानी शुरू कर दी है। काशीपुर नगर निगम के मेयर पद पर आरक्षण की स्थिति क्या होगी यह तो आगामी कुछ माह में पता चल जाएगा लेकिन इस बार मेयर पद पर होने वाले आरक्षण को सामान्य होने की उम्मीद लगाकर अधिकतर नेता अभी से आगामी मेयर बनने के सपने देखने लगे है। काशीपुर नगर निगम को बने करीब दस वर्ष होने जा रहे है। काशीपुर नगर निगम घोषित होने के बाद वर्ष 2013 के चुनाव में निगम मेयर पद पर पहला चुनाव हुआ था। मेयर पद पर आरक्षण पिछड़ी जाति की महिलाओं के पक्ष में आया। वर्तमान मेयर ऊषा चौधरी ने तब भाजपा से मेयर पद के लिए टिकट मांगा था , लेकिन पार्टी से बगावत करने के चलते उन्हें टिकट नहीं दिया गया। भाजपा ने तत्कालीन जिलाध्यक्ष व वर्तमान में भाजपा प्रदेश महामंत्री खिलेंद्र चौधरी की धर्मपत्नी शिक्षा चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा। जबकि कांग्रेस ने शफीक अंसारी की पत्नी रुखसाना अंसारी को मैदान में उतारा। ऊषा चौधरी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और इस चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वियों को भारी अंतर से पराजित कर दिया। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जमानत तक नहीं बच पाई। ऊषा के मेयर बनने के बाद वह भाजपा में वापसी में भी सफल रही। वर्ष 2018 में हुए चुनाव में आरक्षण पिछड़ी जाति के पक्ष में हुआ। भाजपा नें उषा चौधरी पर दांव खेला जबकि कांग्रेस ने मुक्ता सिंह पर भरोसा जताया। दोनों के बीच कड़ी टक्कर हुई और भाजपा एक बार फिर जीतने में कामयाब हो गई। अब एक बार फिर 2023 के आगमन के साथ चुनावी विसात बिछनी शुरू हो गई है। इस बार आरक्षण की स्थिति सामान्य हो सकती है इसी उम्मीद में भाजपा के एक दर्जन से अधिक नेता मेयर बनने के सपने देखने लगे है तो वही कांग्रेस में भी यह संख्या कम नही है। अगर बात भाजपा की करे तो वर्तमान मेयर ऊषा चौधरी सबसे प्रबल दावेदार है, जबकि पीसीयू अध्यक्ष राम मेहरोत्रा व उनके समर्थकों को उम्मीद है कि इस बार सामान्य सीट होने पर पार्टी उन पर भरोसा करेगी। उधर प्रदेश महामंत्री खिलेंद्र चौधरी भी अंदर खाने टिकट पाने की जुगत में लग गए है। इन सबके अतिरिक्त दीपक बाली, सीमा चौहान, गगन काम्बोज, रवि पाल, गुरविंदर सिंह चंडोक, राहुल अग्रवाल भी पार्टी स्तर पर अपने अपने तरीके से अभी से प्रयास में जुट गए है। उधर कांग्रेस में संदीप सहगल व मुक्ता सिंह के साथ ही दीपिका गुड़िया आत्रेय, व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रभात साहनी, इंदु मान, अलका पाल, भी मेयर पद पर चुनाव लड़ने का सपना संजोए नजर आ रहे है। फ़िलहाल अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि सभी की निगाह इस सीट पर होने वाले आरक्षण पर टिकी है। लेकिन अंदरखाने सभी अपने अपने तरीके से जुटने भी शुरू हो गए है।