
(व्यंग्य)
काशीपुर (काशीभूमि ब्यूरो)।सुबह का समय था पहले की तरह पत्रकार खबरीलाल अपनी फटी पुरानी डायरी के पन्ने पलट कर देख रहा था कि आज उसे कहा कहा जाना है, कि तभी नजर पड़ी कि आज तो शाम को भाजपा नेता उदित अग्रवाल व दीपक अग्रवाल के निवास पर विधानसभा अध्यक्ष पहुँच रही है, वहां तो जरूर जाना पड़ेगा, इसी बीच सभी काम निपटाए और शाम हो गई, पहुँच गए खबरी गिरीताल रोड पर लाला जी के घर की तरफ, अंदर खाने पीने की इतनी सुंदर व्यवस्था देख माथा ठनका कि कही गलत घर मे तो नही घुस आया, फिर उदित अग्रवाल जी को देखा तो समझ आया कि सही जगह है। एक तरफ मेयर ऊषा चौधरी महिला मोर्चा संग ठहाके मारती दिखी तो उधर का ही रुख कर लिया। जैसे ही बैठे तो दीपक बाली आ गए, औऱ मेयर जी के बगल में बैठकर उनको चरण स्पर्श करने लगे। यह देख मौजूद नेता चुटकी लेने लगे, खुसर पुसर शुरू हो गई कि क्या यह आगामी निकाय चुनाव को लेकर आशीर्वाद लिया जा रहा है। दीपक बाली को जैसे ही मेयर नें आशीर्वाद दिया तो दीपक की दिमाग की बत्ती जल गई मौके का फायदा तो उठाना ही था सामने बैठे एक पत्रकार मित्र से बोले कि इन पलों को कैमरे में कैद नही करोगे, पत्रकार मित्र ने तुरन्त अपने मोबाइल से क्लिक कर डाली, फिलहाल यह नजारा देख पत्रकार खबरी लाल यही सोचने लगा कि बाकई लोग सही कहते है कि राजनीति में सब कुछ जायज है। कल तक आम आदमी पार्टी में रहते हुए भाजपा को जमकर कोसने वाले दीपक बाली जबसे बीजेपी में शामिल हुए है। तबसे उन्होंने भाजपा नेताओं के बीच अपना ह्रदय परिवर्तन कर डाला है। अभी खबरी सोच ही रहा था कि विधायक त्रिलोक चीमा की एंट्री भी हो गई। विधायक त्रिलोक चीमा व मेयर उषा चौधरी के संग दीपक बाली कुछ अलग अंदाज में नजर आए। मेयर का आशीर्वाद मिला तो दीपक बोले कि यह आशीर्वाद उनके लिए सम्मान है। मौजूद नेतागण भी इस बात को सुन ताली बजाए नही रह सके। फिलहाल खबरी यह सोच रहा था कि अब उम्मीद है कि जब सभी भाजपाई एक मंच पर आने लगे तो काशीपुर का भला हो सकता है।