
( यह केवल राजनीतिक व्यंग्य है इसे अन्यथा न लें)
काशीपुर ( काशीभूमि ब्यूरो)। अजी सुनते हो, सुबह के दस बजे है तुम सो रहे हो काम पर नही जाना क्या.. जैसे ही पत्नी मटकी के यह शब्द खबरीलाल के कान में पड़े उसकी तो नींद ही काफूर हो गई। अरे आज तो सीएम को काशीपुर आना है, ओह 11 बजने वाले है और मैं सोता रहा बस यही सोच खबरी जल्दबाजी में तैयार होकर उदयराज प्रेक्षागृह में पहुँच गया पर यह क्या सीएम आने वाले है और कुर्सी खाली, क्या प्रचार प्रसार नही हुआ था । अभी खबरी यह सोच ही रहा था कि स्टेज से एनाउंसमेंट होने लगा बस कुछ ही देर में सीएम आने वाले है वह काशीपुर पहुँच गए है, यह सुन खबरी पहुँच गया अपना कैमरा ताने खबर नफीसों के बीच और इंतजार करने लगा सीएम के आने का, अरे यह क्या ये पीछे रखी कुर्सी क्यों हटाई जा रही है, अभी खबरी यह सोच ही रहा था कि स्टेज व उसके आसपास कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता नजर आने लगे, खबरी वाकई सोच में पड़ गया था कि आज यह क्या हो रहा है न तो सीएम के आने पर वो भीड़ है और न ही वो रौनक, तभी अचानक हूटर की आवाजें सुनाई देने लगी और सीएम का प्रवेश हुआ, सीएम के साथ भारी भरकम भीड़ देख लगा अब कुर्सियां भर जाएंगी पर ये तो सब स्टेज पर जाने को व्याकुल है, ओह अब समझ आया कि बीते दो रोज से निगम व विधायक कार्यालय में बैठक चल रही थी वह किसी जिम्मेदारी देने के लिये नही थी बल्कि इसलिये रही होगी कि किस कार्यकर्ता को कब कब सीएम संग फ़ोटो खिंचानी है, सीएम के स्टेज पर पहुँचते ही एकाएक स्टेज भर गया, तिल भर जगह नही दिख रही थी हर कोई सीएम संग फ़ोटो खिंचाने को आतुर जो था, सबके साथ एक कैमरा मेन फ्री था जिसकी जिम्मेदारी थी कि हर एंगल में फ़ोटो खींचना भई फेसबुक पर जो डालनी है, सीएम साहब भी बार बार सामने की ओर लोगों की कम भीड़ देख सोच रहे थे कि यह किसकी कमी रह गई, अपने सम्बोधन में जिक्र भी कर बैठे कि वह कम भीड़ की सूचना के बाबजूद आये है। अब बारी थी खबरीलाल को यह पता लगाने की कि आखिर किस वजह से यह कार्यक्रम उस तरह नही हुआ जिस तरह होना चाहिये था, एक दो भाजपाइयों को फोन किया तो पता चला कि जिम्मेदारी तो कई को दी गई थी पर वह एक दूसरे से उम्मीद लगा बैठे थे, खैर तभी एक नजर खबरी लाल की पीसीयू चेयरमैन राम मेहरोत्रा के स्वागत बैनर पर पड़ी, अरे यह क्या बैनर पर मेयर है, खिलेंद्र, चंडोक जी भी है आशीष जी भी पर विधायक त्रिलोक को जगह नही, अब खबरीलाल को समझ आने लगा था फिर एक एक कर सभी स्वागत बैनर पर नजर गई तो मामला समझ आया कि काशीपुर की बीजेपी तो अंर्तकलह में घिरी है, वो 50 बस भी इसी की भेंट चढ़ गई होंगी, जो समय पर नही पहुँची, पर फेसबुक पर फ़ोटो तो नेताजी की झमाझम बाली है, खबरीलाल अब तक गर्मी में काशीपुर की राजनीतिक गर्मी को शायद समझ चुका था इसीलिये इसे भविष्य के लिए छोड़कर अब अगली राजनीतिक व्यंग्य के लिये निकल चुका है। ( यह केवल राजनीतिक व्यंग्य है इसे अन्यथा न लें