
काशीपुर (काशीभूमि ब्यूरो)।एक समय हुआ करता था जब सिनेमाघर किसी भी शहर के विकास और स्तर का प्रतिबिम्ब हुआ करते थे। सिनेमाघर वाला इलाका नगर का सबसे प्रमुख और मंहगा इलाका हुआ करता था। उसके आसपास एक मिनी व्यवसायिक और आवासिय टाउनशिप बस् जाया करती थी जहां चौबीसों घंटे चहल-पहल रहती थी। वहाँ एक अलग दुनिया होती थी। यही हाल कभी औधोगिक नगरी काशीपुर का भी कभी था। स्वाभिमान, स्वतंत्रता, और स्वावलंबन के सशक्त आधार पर सिनेमा घर व्यावसाय की बुनियाद तैयार हुई थी। काशीपुर में सिनेमाघरों का इतिहास बहुत पुराना है। कभी सबसे पहला सिनेमाघर सन 60 के दशक में काशीपुर के चीमा चौराहे(आज की पहचान) के निकट हरी पैलेस बना था जानकर बताते है कि उस समय इस सिनेमा घर मे टिकट 8 आने की हुआ करती थी उस दौरान काशीपुर ही नही अपितु रामनगर, ठाकुरद्वारा, बाजपुर, जसपुर व गदरपुर के लोग यहां आकर सिनेमा का आनन्द लिया करते थे। कुछ वर्षों बाद यह सिनेमाघर पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने ले लिया और इसका नाम चीमा पैलेस हो गया तभी से इसके पास के चौराहे को चीमा चौराहे के नाम से जाना जाता है। हरी पैलेस के बाद मेहता परिवार नें दीपक सिनेमा जो अब प्रिया मॉल में तब्दील हो गया है का निर्माण कराया। इसी दौरान नगर के बीचों बीच रतन सिनेमा का निर्माण हुआ जो अब एसआरएस मॉल में तब्दील हो चुका है। काशीपुर नगर में सिनेमाघरों में बढ़ती भीड़ को देखते हुए क्षेत्र के बड़े किसान धर्मवीर अरोरा नें 1987 में विकास पैलेस का निर्माण किया।
उधर चीमा पैलेस का स्वामित्व परिवर्तन होने के बाद उसका नाम प्रभात सिनेमा हो गया। एक समय था जब काशीपुर में कुल चार सिनेमा घर थे। शहर फैलता गया, आबादी बढ्ती गयी पर देखते-देखते सभी सिनेमाघर बंद होते गए। आज बदले नजरिये के कारण बड़े पर्दे खत्म होते जा रहें हैं। वह सिनेमाघर जिनमें कई-कई महिनों तक हाउसफुल रहता था और जो शहर की लाइफ लाइन हुआ करते थे, आज समाप्ति की ओर है। काशीपुर का एक मात्र शेष बचा विकास सिनेमा भी अब तोड़ा जा चुका है, सम्भत यहां भी बड़ा कॉम्पेक्स बनाने की तैयारी है। एक मात्र बचे विकास सिनेमा के टूटने से काशीपुर में अब कोई सिनेमाघर नही बचा है, जबकि प्रिया मॉल व एसआरएस मॉल में सिनेमाघर का स्थान ले चुके मल्टीप्लेक्स बन गए है। और इस तरह काशीपुर में सिनेमा घर के एक युग की समाप्ति हो गई है।